Vismayadibodhak kise kahate hain: विस्मयादिबोधक की परिभाषा, इसके भेद एवं उदाहरण

Vismayadibodhak

विस्मयादिबोधक किसे कहते हैं?

जो शब्द वक्ता के हर्ष, नफरत, ग्लानि इत्यादि भावो का बोध कराता हैं, उसे विस्मयादिबोधक (Vismayadibodhak) कहते हैं| विस्मयादिबोधक को ! द्वारा दर्शाया जाता हैं| उदाहरण-

  • हाय ! अब वह क्या करेगा|
  • हाय ! अब मै क्या करू|

विस्मयादिबोधक के भेद

इसके 11 प्रकार होते हैं-

  1. शोकबोधक
  2. तिरस्कारबोधक
  3. स्वीकृतिबोधक
  4. विस्मयादिबोधक
  5. संबोधनबोधक
  6. हर्षबोधक
  7. भयबोधक
  8. आशिर्वादबोधक
  9. अनुमोदनबोधक
  10. विदासबोधक
  11. विवशताबोधक

शोकबोधक

जहाँ भी दुःख की अभिव्यक्ति की जाती है, उसे शोकबोधक कहते हैं| इसमें- हाय!, हे भगवान!, ओह!, उफ़!, आह!, हा! जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है| जैसे:-

  • हाय! दादा जी का देहांत हो गया|
  • हे प्रभु! बहुत बुरा हुआ।

तिरस्कारबोधक

जहाँ पर तिरस्कार का बोध होता हैं, उसे तिरस्कारबोधक कहते हैं| इसमें- छिः !, थू-थू, हट!, धत !, चुप ! इत्यादि आते हैं| जैसे :-

  • चुप ! ऐसी बातें नहीं करते।
  • धिक्कार ! है तुम पे

स्वीकृतिबोधक

जहाँ पर भी किसी तरह की स्वीकृति का बोध होता हैं, वहा स्वीकृतिबोधक होता है| इसमें अच्छा !, ठीक!, जी हाँ !, बहुत अच्छा ! इत्यादि शब्द आते हैं| जैसे :-

  • हाँ ! वह कल आ जायगा।
  • हाँ ! मैंने ही तुम्हारी किताब ली हैं|

विस्मयादिबोधक

जहाँ पर अरे!, ओह!, सच!, हैं!, ओहो !, वाह ! इत्यादि शब्द आते हैं, वहाँ पर विस्मयबोधक होता है| जैसे :-

  • क्या ! वह विफल हो गया।
  • अरे ! कहाँ जा रहे हो|

संबोधनबोधक

जहाँ पर अजी!, ओ!, रे!, अरे!, अरी!, हैलो !, ऐ! इत्यादि शब्द आते है, वहाँ पर संबोधनबोधक होता है| जैसे :-

  • ऐ ! वहा कहाँ जा रहे हो ?
  • हैलो ! कोई है क्या ?

हर्षबोधक

जहाँ पर भी वाह-वाह !, धन्य!, अति सुन्दर!, शाबाश !, ओह ! आदि शब्द आते हैं वहाँ पर हर्षबोधक होता है| जैसे :-

  • वाह ! ये तो गजब हो गया|
  • शाबाश ! तुमने बिलकुल सही किया|

भयबोधक

जहाँ पर किसी शब्द के उच्चारण से भय का बोध हो, वहाँ पर भयबोधक होता है| इसमें ओह!, हाय!, त्राहि – त्राहि आदि शब्द आते हैं| जैसे :-

  • त्राहि-त्राहि ! मच गई है|
  • हाय ! उसे चोट लग गयी|

आशिर्वादबोधक

जहाँ पर आशीर्वाद का बोध होता हैं, वहाँ पर आशीर्वादबोधक होता है| इनमे दीर्घायु हो !, जीते रहो ! आते हैं जैसे शब्द होते हैं| जैसे :-

  • जीते रहो ! पुत्र तुम्हें कामयाबी मिले|
  • जीते रहो ! भगवान तुम्हारी सारी मनोकामना पूरी करे|

अनुमोदनबोधक

जहाँ पर हाँ, हाँ!, बहुत अच्छा!, अवश्य ! इत्यादि आते है, वहाँ पर अनुमोदनबोधक होता है। जैसे :-

  • अवश्य ! हम सब आपके साथ हैं|
  • हाँ, हाँ ! तुम ठीक कह रहे हो|

विदासबोधक

जहाँ पर विदाई का बोध होता हैं, वहा विदासबोधक होता है| इनमे अच्छा !, अच्छा जी!, टाटा ! इत्यादि शब्द आते है| जैसे :-

  • टा-टा ! हम फिर मिलेंगे।
  • अच्छा ! अब हमें इजाजत दीजिये|

विवशताबोधक

जहाँ पर भी विवशता का बोध हो, वहाँ विवशताबोधक होता है| इनमे ‘काश!’, ‘शायद!’, ‘हे भगवान!’ जैसे शब्द आते हैं| जैसे:-

  • ‘हे भगवान! अब क्या होगा?’
  • ‘काश! मेरी दादी मेरे साथ होती|’

FAQs

विस्मयादिबोधक कितने प्रकार के होते हैं?

यह 11 प्रकार के होते हैं|

स्वीकृतिबोधक क्या हैं?

जहाँ पर भी किसी तरह की स्वीकृति का बोध होता हैं, वहा स्वीकृतिबोधक होता है| इसमें अच्छा !, ठीक!, जी हाँ !, बहुत अच्छा ! इत्यादि शब्द आते हैं|

विदासबोधक पर किन शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं?

विदासबोधक में अच्छा !, अच्छा जी!, टाटा ! इत्यादि शब्द आते है|

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  • Avijeet

    मेरा नाम अविजीत है और मैं पिछले 2 सालों से ब्लॉगिंग कर रहा हूँ। मुझे शैक्षणिक और समाचार ब्लॉगों में बहुत दिलचस्पी है। मैंने Bcom accounts honours की पढ़ाई की है।

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