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Avyay in hindi: जाने अव्यय का सही मायने में अर्थ, परिभाषा और भेद उदाहरण सहित 2024-25

avyay
avyay

अव्यय का अर्थ एवं अव्यय की परिभाषा

अव्यय (avyay) का शाब्दिक अर्थ होता हैं- जो व्यय ना हो| अर्थात अव्यय ऐसे शब्दो को कहते हैं, जिसमे लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल इत्यादि के कारण कोई प्रभाव नहीं पड़ता| दूसरे शब्दो में जिन पर लिंग, वचन, कारक, पुरुष, काल का कोई प्रभाव नहीं पड़ता एवं वचन, कारक इत्यादि बदलने पर भी ये ज्यो के त्यों बने रहते हैं, तो ऐसे शब्दो को अव्यय (avyay) शब्द कहते हैं|

अव्यय (avyay) का रूपांतरण नहीं होता हैं, इसलिए ऐसे शब्द अविकारी होते हैं| इनका व्यय नहीं होता इसलिए ये अव्यय हैं| अव्यय के उदाहरण– जब, तब, इधर, कब, वाह, तथा, किन्तु, परन्तु, इसलिए इत्यादि|

अव्यय के भेद | अव्यय के प्रकार

अव्यय (avyay) के पांच भेद होते हैं-

  1. क्रिया विशेषण अव्यय
  2. सम्बन्धबोधक अव्यय
  3. समुच्चयबोधक अव्यय
  4. विस्मयादिबोधक अव्यय
  5. निपात अव्यय

क्रियाविशेषण अव्यय

जिस शब्द से क्रिया की विशेषता ज्ञात हो उसे क्रिया विशेषण अव्यय (kriya visheshan avyay) कहते हैं| दूसरे शब्दो में क्रिया विशेषण का अर्थ क्रिया के अर्थ की विशेषता प्रकट करना हैं| जैसे- यहाँ, अब, वहॉ, तक, जल्दी इत्यादि| क्रियाविशेषण अव्यय के उदाहरण

क्रिया विशेषण अव्यय के भेद

क्रिया विशेषण को प्रयोग, रूप और अर्थ के अनुसार इसके कई भेद हैं| जैसे- साधारण क्रिया विशेषण अव्यय, संयोजक क्रिया विशेषण अव्यय, अनुबद्ध क्रिया विशेषण अव्यय, मूल क्रिया विशेषण अव्यय, यौगिक क्रिया विशेषण अव्यय, स्थानीय क्रिया विशेषण अव्यय, कालवाचक क्रियाविशेषण अव्यय इत्यादि|

प्रयोग के आधार पर
रूप के आधार पर
अर्थ के आधार पर

सम्बन्धबोधक अव्यय

वह अविकारी शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम शब्दो के साथ मिलकर दूसरे शब्दो से उनका सम्बन्ध बताते हैं, उसे सम्बन्धबोधक अव्यय (sambandhbodhak avyay) कहते हैं| जैसे- भर, कारण, से लेकर, सहित इत्यादि| सम्बन्धबोधक अव्यय के उदाहरण

प्रयोग की पुष्टि से सम्बन्धबोधक अव्यय के भेद

प्रयोग की पुष्टि से सम्बन्धबोधक अव्यय के तीन भेद हैं-

समुच्चयबोधक अव्यय

दो शब्दो, वाक्यांशों अथवा वाक्यों को जोड़ने वाले शब्दो को समुच्चयबोधक अव्यय (samuch bodhak avyay) कहते हैं| दूसरे शब्दो में समुच्चयबोधक अव्यय का अर्थ– दो वाक्यों को परस्पर जोड़ने वाले शब्द से हैं| जैसे- तथा, लेकिन, यदि, अथवा इत्यादि| समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण

समुच्चयबोधक अव्यय के भेद

समुच्चयबोधक अव्यय के तीन भेद हैं-

विस्मयादिबोधक अव्यय

जो अविकारी शब्द हमारे मन के हर्ष, शोक, प्रशंसा, विस्मय दुःख, आश्चर्य, लज्जा इत्यादि भावो को व्यक्त करते हैं, उसे विस्मयादिबोधक अव्यय (vismayadibodhak avyay) कहते हैं| इनका सम्बन्ध किसी पद से नहीं होता हैं, इसे घोतक भी कहा जाता हैं| इस अव्यय में ! चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं| जैसे अरे, ओह, हाय इत्यादि| विस्मयादिबोधक अव्यय के उदाहरण

निपात अव्यय

जो वाक्य में नवीनता उत्पन्न करते हैं, उसे निपात अव्यय (nipat avyay) कहते हैं| दूसरे शब्दो में निपात अव्यय किसी शब्द या पद के पीछे लगकर उसके अर्थ में विशेष बल लाते हैं| इसे अवधारक भी कहते हैं| जैसे- भी, तो, मात्र, मत, केवल इत्यादि| निपात अव्यय के उदाहरण

FAQs

अव्यय किसे कहते हैं उदाहरण सहित जानकारी दे?

जिन शब्दो के रूप में लिंग, वचन, कारक इत्यादि के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता हैं, उसे अव्यय (avyay) कहते हैं| उदाहरण- कब, तब, इधर, जब इत्यादि|

अव्यय के कितने प्रकार के होते हैं?

अव्यय (avyay) पांच प्रकार के होते हैं- क्रिया विशेषण अव्यय, सम्बन्धबोधक अव्यय, समुच्चयबोधक अव्यय, विस्मयादिबोधक अव्यय, और निपात अव्यय|

क्या अव्यय (avyay) शब्द हर स्थिति में अपने मूल रूप में रहते हैं?

अव्यय (avyay) शब्द हर स्थिति में अपने मूल रूप में रहते हैं| इसलिए इन शब्दो को अविकारी शब्द भी कहा जाता हैं|

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