Visheshan in hindi: विशेषण की परिभाषा एवं इसके भेद उदाहरण सहित 2024-2025

Visheshan
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विशेषण (Visheshan) किसे कहते हैं? | विशेषण क्या है?

जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता (Visheshan) बताते हैं, उसे विशेषण कहते हैं| यह शब्द गुण, भाव, संख्या, दोष, परिणाम आदि से सम्बंधित विशेषता का बोध कराता हैं| अर्थात विशेषण एक ऐसा विकारी शब्द हैं, जो हर हालत में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता हैं| जैसे:

  • राम एक अच्छा बालक हैं|
  • बिट्टू ईमानदार बालक हैं|

उपरोक्त वाक्य में ‘अच्छा‘ और ‘ईमानदार‘ दोनों ही शब्द विशेषण हैं, क्यकि यह दोनों बालको की विशेषता बता रहे हैं|

विशेषण (Visheshan) के 10 उदाहरण

विशेषण (Visheshan) के 10 उदाहरण निचे दिए जा रहे हैं-

  1. सीता बुद्धिमान लड़की हैं|
  2. बिकाश होनहार बालक हैं|
  3. उस दुकान में मीठे आम हैं|
  4. मोहन स्मार्ट हैं|
  5. भालू भूरा होता हैं|
  6. कुछ फल रेशमा को दे दो|
  7. यह नदी पतली हैं|
  8. मिर्च तीखी हैं|
  9. टेबल बहुत बड़ा हैं|
  10. अरिंदम लम्बा लड़का हैं|

विशेषण (Visheshan) के भेद | विशेषण के प्रकार

विशेषण के भेद उदाहरण सहित जानकारी निचे दिया गया हैं| इसके चार भेद होते हैं-

  • गुणवाचक विशेषण
  • संख्यावाचक विशेषण
  • परिमाणवाचक विशेषण
  • सार्वनामिक विशेषण

गुणवाचक विशेषण

वे विशेषण शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम शब्द के गुण, दोष, आकार, अवस्था, स्थान इत्यादि की विशेषता प्रकट करता हैं, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं| अर्थात यह संज्ञा या सर्वनाम के गुण के रूप की विशेषता को दर्शाता हैं| जैसे:

  • गुण– वह भला आदमी हैं|
  • दोष– अनुचित, बुरा, कठोर इत्यादि|
  • आकार– उसकी खिड़की गोल हैं|
  • अवस्था– पिघला, गाढ़ा, दुबला, भारी, पतला, मोटा, गीला, गरीब आदि|
  • स्थान– भीतर, बाहर इत्यादि|
  • रंग– नारंगी टेबल|

संख्यावाचक विशेषण

जब किसी गणना, वस्तुओ की संख्या सम्बन्धी विशेषता बताई जाती हैं, तो उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं| दूसरे शब्दो में संख्या की विशेषता का बोध कराने वाले शब्दो को संख्यावाचक विशेषण कहा जाता हैं| जैसे:

  • एक घर में 5 लोग रहते हैं|
  • मुझे एक मिठाई दे दो|
  • कुछ लोग रोड में चल रहे हैं|

संख्यावाचक विशेषण के भेद

संख्यावाचक विशेषण के में गणना की विशेषता के अनुसार इसके दो भेद होते हैं-

  • निश्चित संख्यावाचक विशेषण: जिस संज्ञा या सर्वनाम के शब्दो से किसी प्राणी, व्यक्ति, वस्तु आदि की संख्या का निश्चित रूप से ज्ञान हो, उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं| जैसे:
    • मेरी कॉलेज में 100 स्टूडेंट्स हैं|
    • एक बस में 70 लोग बैठे हैं|
  • अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण: जिस संज्ञा या सर्वनाम के शब्दो से किसी प्राणी, व्यक्ति, वस्तु आदि की संख्या का निश्चित रूप से बोध ना हो, उसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं| जैसे:
    • मेरी कॉलेज में कुछ स्टूडेंट्स हैं|
    • कुछ देर बाद हम चले जायेंगे|

परिमाणवाचक विशेषण

विशेषण के जिस रूप से संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा या नाप तौल के परिणाम की विशेषता ज्ञात हो उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं| जैसे: दो किलो आटा, तीन किलो दाल, कुछ लोग इत्यादि|

परिमाणवाचक विशेषण के भेद

परिमाणवाचक विशेषण को मात्रा अथवा माप तौल के आधार पर दो भागो में बाटा गया हैं, पहला वह भाग जिसमे निश्चित मात्रा का बोध हो और दूसरा वह भाग जिसमे निश्चित मात्रा का बोध न हो| निचे इसका बहुत ही आसान शब्दो में जानकारी दिया गया हैं-

  • निश्चित परिमाणवाचक विशेषण: जिस विशेषण शब्द से किसी वस्तु की निश्चित मात्रा अथवा माप तौल का बोध हो उसे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं| जैसे: सात लीटर तेल, तीन किलो चावल, पांच एकड़ जमीन, आठ किलो मीटर आदि|
  • अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण: जिस विशेषण शब्द से किसी वस्तु की निश्चित मात्रा अथवा माप तौल का बोध ना हो उसे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं| जैसे: बहुत पानी, ढेर सारा पैसा, बहुत लोग, कुछ पेड़ आदि|

सार्वनामिक विशेषण

जो शब्द सर्वनाम होते हुए भी किसी संज्ञा से पहले आकर उसकी विशेषता को प्रकट करे, उसे संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण कहते हैं| जैसे:

  • वह नौकर नहीं आया|
  • यह घोडा अच्छा हैं|

उपरोक्त वाक्य में ‘नौकर’ और ‘घोडा’ संज्ञाओ के पहले विशेषण के रूप में ‘वह’ और ‘यह’ सर्वनाम ए हैं| अतः ये सार्वनामिक विशेषण हैं|

सार्वनामिक विशेषण के भेद

सार्वनामिक विशेषण के दो भेद हैं-

  • मौलिक सार्वनामिक विशेषण: जो शब्द अपने मूल रूप में संज्ञा के आगे लगकर संज्ञा की विशेषता बताते हैं, उसे मौलिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं| जैसे: ‘यह’ घर, ‘वह’ लड़का, ‘कुछ’ काम आदि|
  • यौगिक सार्वनामिक विशेषण: जो मूल सर्वनामों में प्रत्यय लगाने से बनते हैं, उसे यौगिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं| ‘ऐसा’ आदमी, ‘कैसा’ घर, ‘जैसा’ शहर आदि|

FAQs

विशेषण किसे कहते हैं और उसके भेद कितने है?

विशेषण का अर्थ संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता का बोध कराना होता हैं|| विशेषण के चार भेद होते हैं- गुणवाचक विशेषण, संख्यावाचक विशेषण, परिमाणवाचक विशेषण, और सार्वनामिक विशेषण|

परिमाणवाचक विशेषण के कितने भेद हैं?

परिमाणवाचक विशेषण के दो भेद होते हैं- निश्चित परिमाणवाचक विशेषण और अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण|

विशेषण के उदाहरण दीजिये|

इसके कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं-
मनोहर अच्छा लड़का हैं|
गीता पूर्ण स्वस्थ हैं|
वह बालक बीमार हैं|

यह भी जाने-
संज्ञा क्या है-परिभाषा एवं भेद उदाहरण सहित: 2024-25
क्या वर्ण तथा हिंदी वर्णमाला अलग-अलग होते हैं?
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Sarvanam ke bhed: सर्वनाम किसे कहते हैं? इसके भेद एवं सम्पूर्ण जानकारी उदाहरण सहित 2024-25

Sarvanam
Sarvanam
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सर्वनाम की परिभाषा उदाहरण सहित (Sarvanam ki Paribhasha)

जिन शब्दो का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता हैं, उसे सर्वनाम (Sarvanam) कहते हैं| अर्थात नामो (संज्ञाओं) के बदले आने वाले शब्द सर्वनाम (Sarvanam) कहलाता हैं| उदाहरण स्वरुप जैसे: राम आठवीं क्लास में पढता हैं| वह कभी भी अपने ऊपर घमंड नहीं करता| वह अपने टीचर, माता-पिता, तथा बड़ो का आदर करता हैं|

ऊपर दिए गए उदाहरण पर यदि अपने गौर किया होगा, तो राम के स्थान पर वह एवं अपने शब्द का इस्तमाल किया गया हैं| जो राम को ही संकेत करता हैं| वह के स्थान पर कई शब्दो का उपयोग भी किया जा सकता हैं, जैसे: उससे, उसके, स्वयं आदि| ये सभी शब्द सर्वनाम (Sarvanam) हैं|

सर्वनाम के उदाहरण

इसे और सरल शब्दो में सिखने के लिए कुछ उदाहरण निचे दिए जा रहे हैं-

  • राम एक विद्यार्थी हैं|
  • वह (राम) रोज कॉलेज जाता हैं|
  • उसका (राम) कॉलेज बोहोत सुन्दर हैं|
  • उसे (राम) घूमना बोहोत पसंद हैं|

ऊपर दिए गए वाक्यों में “किट्टू” शब्द संज्ञा हैं| तथा इसके स्थान पर वह, उसका, एवं उसे शब्द संज्ञा (किट्टू) के स्थान पर प्रयोग किये गए हैं| अतः ये सर्वनाम हैं|

सर्वनाम के भेद उदाहरण सहित | सर्वनाम के प्रकार

सर्वनाम (Sarvanam) 6 प्रकार के होते हैं:

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  4. सम्बन्धवाचक सर्वनाम
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  6. निजवाचक सर्वनाम

पुरुषवाचक सर्वनाम

जिस शब्दो से व्यक्ति का बोध होता हैं, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहा जाता हैं| पुरुषवाचक सर्वनाम पुरुषो (पुरुष या स्त्री) के नाम के बदले आते हैं| उदाहरण: मैं आता हूँ| तुम आते हों| वह भागता हैं| इसमें मैं, तुम, वह “पुरुषवाचक सर्वनाम” के अंतर्गत आता हैं|

पुरुषवाचक सर्वनाम के भेद

पुरुषवाचक सर्वनाम 3 प्रकार के होते है| पुरुषवाचक सर्वनाम के उदाहरण सहित जानकारी निचे दिया गया है-

  • उत्तम पुरुष: जिस सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला व्यक्ति खुद के लिए करता हैं, उसे उत्तम पुरुष कहा जाता हैं| जैसे: मै, मेरा, हम, मैंने, मुझे, इत्यादि| उदाहरण-
    • मै खेलने जाऊंगा|
    • मेरा बैग तुम्हारे पास हैं|
    • हम कॉलेज नहीं जायेंगे|
    • मैंने कुछ नहीं किया|
    • मुझे कही नहीं जाना|
  • मध्यम पुरुष: जिस सर्वनाम का प्रयोग सुनने वाले के लिए किया जाता हैं, उसे मध्यम पुरुष कहा जाता हैं| जैसे: तू, तुम, तुम्हारे, आप, आपने इत्यादि| उदाहरण-
    • तुम पढाई कर लो|
    • तुम्हारे पास बुक्स नहीं हैं|
    • आप बोहोत अच्छे हैं|
    • आपने मेरी मदद की|
  • अन्य पुरुष: जिस सर्वनाम का प्रयोग किसी अन्य व्यक्ति के लिए किया जाता हैं, उसे अन्य पुरुष कहा जाता हैं| जैसे: वे, यह, इनसे, उनसे, इनका, इन्हे, उन्होंने आदि| उदाहरण-
  • वे अच्छे लोग हैं|
  • यह काम आसान हैं|
  • इनसे अच्छी चीज मेने आज तक नहीं देखी|
  • इनका वर्ताव अच्छा नहीं हैं|
  • इन्हे स्कूल छोड़ दो|
  • उन्होंने मेरी मदद की|

निश्चयवाचक सर्वनाम

जिन शब्दो से किसी व्यक्ति, वस्तु या घटना की ओर निश्चयात्मक रूप से संकेत हो, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं| इसे संकेतवाचक सर्वनाम के रूप में भी जाना जाता हैं| अर्थात सर्वनाम के जिस रूप से हमें किसी वस्तु या बात का निश्चित रूप से बोध होता हैं, वह निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाती हैं| जैसे: यह, वह, ये, वे आदि|
उदाहरण: वह मेरा घर हैं| यह मेरी पुस्तक हैं| ये फल हैं|

निश्चयवाचक सर्वनाम के भेद

निश्चयवाचक सर्वनाम दो प्रकार की होती हैं-

  • निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम: जो शब्द निकट यानी कि पास वाली वस्तुओ का निश्चित रूप से बोध कराए उसे निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं| जैसे: यह मेरा पेन हैं| ये चीज मुझे बहुत पसंद हैं|
  • दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम: जो शब्द दूर वाली वस्तुओ का निश्चित रूप से बोध कराए उसे दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं| जैसे: वह मेरी बुक हैं| वे आम हैं|

अनिश्चयवाचक सर्वनाम

जिन शब्दो से किसी व्यक्ति, वस्तु इत्यादि का निश्चयपूर्वक बोध न हो उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं| जैसे: कोई, कुछ, किसने, जहाँ, उसने आदि|

उदाहरण:

  • ऐसा न हो कि “कोई” आ जाय|
  • “कुछ” अच्छी बुक्स हैं|
  • “किसने” तुम्हे मारा|
  • “जहाँ” वह रहता हैं|
  • “उसने” कुछ नहीं किया

सम्बन्धवाचक सर्वनाम

जिस शब्दो से परस्पर सम्बन्ध का पता चले उसे सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहते हैं| इस सर्वनाम में जो/ सो/ जैसा/ वैसा इत्यादि होते हैं| इसका प्रयोग वाक्य में सम्बन्ध स्थापित करने के लिए किया जाता हैं|

उदाहरण:

  • जैसा करेगा वैसा भरेगा|
  • जो परिश्रम करते हैं, वे सुखी रहते हैं|
  • जो सोवेगा सो खोवेगा|

प्रश्नवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम का प्रयोग प्रश्न करने के लिए किया जाता हैं, उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं| अर्थात जो सर्वनाम शब्द सवाल पूछने के लिए प्रयुक्त होते हैं, वह प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाता हैं|

उदाहरण:

  • आपने क्या खाया हैं?
  • वह क्यों इंतज़ार कर रहा हैं?
  • बाहर कौन खड़ा हैं?

निजवाचक सर्वनाम

निजवाचक दो शब्दो से मिलकर बना हैं| जिसमे निज का अर्थ होता हैं, अपना और वाचक का अर्थ होता हैं- बोध | जिस सर्वनाम में अपनेपन का बोध होता हैं, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं| जैसे- अपने, आप, निजी, खुद आदि|

Note: ‘आप’ शब्द का प्रयोग पुरुषवाचक और निजवाचक सर्वनाम दोनों में होता हैं|

उदाहरण:

  • आप कल कॉलेज नहीं गए थे| (माध्यम पुरुष – आदरसूचक)
  • भगवान् भी उन्ही का साथ देता हैं, जो अपनी मदद आप करता हैं| (निजवाचक सर्वनाम)

FAQ

सर्वनाम क्या है?

संज्ञा (Sarvanam) के बदले में उपयोग किए जाने वाले शब्द को सर्वनाम कहते हैं|

सर्वनाम के कितने भेद होते हैं?

सर्वनाम (Sarvanam) 6 प्रकार के होते हैं| पुरुषवाचक सर्वनाम, निश्चयवाचक सर्वनाम, अनिश्चयवाचक सर्वनाम, सम्बन्धवाचक सर्वनाम, प्रश्नवाचक सर्वनाम, और निजवाचक सर्वनाम|

सर्वनाम के 10 उदाहरण दीजिये?

सर्वनाम (Sarvanam) के उदाहरण निचे दिए गए हैं-
1. वह रोज कॉलेज जाता हैं|
2. उसका कॉलेज बोहोत सुन्दर हैं
3. उसे घूमना बोहोत पसंद हैं|
4. आप बोहोत अच्छे हैं|
5. आपने मेरी मदद की|
6. यह काम आसान हैं|
7. इनसे अच्छी चीज मेने आज तक नहीं देखी|
8. इनका वर्ताव अच्छा नहीं हैं|
9. इन्हे स्कूल छोड़ दो|
10. उन्होंने मेरी मदद की|

निजवाचक सर्वनाम क्या हैं?

जिस सर्वनाम (Sarvanam) शब्द का उपयोग कर्त्ता के साथ अपनेपन का ज्ञान कराने के लिए किया जाता हैं, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं|

पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं

जो शब्द किसी व्यक्ति का बोध कराता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।

पुरुषवाचक सर्वनाम कितने प्रकार के होते हैं?

पुरुषवाचक सर्वनाम 3 प्रकार के होते हैं- उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष, और अन्य पुरुष|

यह भी जाने

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क्या वर्ण तथा हिंदी वर्णमाला (Varn tatha hindi varnamala) अलग-अलग होते हैं? 2024-25

hindi-varnamala
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वर्ण तथा हिंदी वर्णमाला (Varn tatha hindi varnamala)

वर्ण ध्वनि की इकाई हैं, तथा वर्णमाला वर्णो के समूह को कहा जाता हैं| दोनों ही एक दूसरे से सम्बंधित होते हैं| वर्ण के बिना वर्णमाला का निर्माण नहीं हो सकता क्युकि वर्णमाला की इकाई वर्ण हैं| निचे इसका आसान शब्दो में विस्तारपूर्वक विवरण दिया गया हैं|

वर्ण

वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं, जिसके टुकड़े नहीं किये जा सकते हैं| दूसरे शब्दो में वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई हैं| जैसे अ, ई, व, च, आदि|

हिंदी वर्णमाला (hindi varnamala)

वर्णो के समूह को वर्णमाला कहते हैं| अर्थात वर्णमाला किसी भाषा के समस्त वर्णो के समूह को दर्शाता हैं|

हिंदी वर्णमाला के भाग

वर्णमाला को दो भागो में विभाजित किया गया हैं-

  1. स्वर
  2. व्यंजन

स्वर

वे वर्ण जिनके उच्चारण में किसी अन्य वर्ण के सहायता की आव्यशकता नहीं होती हैं, उसे स्वर कहा जाता हैं| इसके उच्चारण में केवल कंठ तथा तालु का प्रयोग होता हैं, जीभ और होठ का प्रयोग नहीं होता हैं| जैसे: अ, आ, उ, ऊ इत्यादि|

स्वर के भेद

स्वर तीन प्रकार के होते हैं-

  • ह्रस्व स्वर: ह्रस्व स्वर का अर्थ हैं, जिसके उच्चारण में काफी काम समय लगे| जैसे: अ, ऊ, उ, ए इत्यादि|
  • दीर्घ स्वर: जिस वर्ण के उच्चारण में ह्रस्व स्वर का दोगुना समय लगे, उसे दीर्घ स्वर कहा जाता हैं| जैसे ऐ आ ई औ ऊ ऋ इत्यादि|
  • प्लुत स्वर: जिसके उच्चारण में काफी अधिक समय लगता हैं, उसे प्लुत स्वर कहते हैं| जैसे हे राम, या अल्लाह आदि|

व्यंजन

जिन वर्णो को बोलने के लिए स्वर की मदद लेनी पड़ती हैं, उसे व्यंजन कहते हैं| हर व्यंजन के उच्चारण में अ स्वर लगा होता हैं| अ के बिना व्यंजन का उच्चारण नहीं हो सकता हैं| जैसे- क, ख, ग, च, छ, द, म आदि|

व्यंजनो के भेद

व्यंजन तीन प्रकार के होते हैं-

स्पर्श व्यंजन: जिन व्यंजनो का उच्चारण करते समय जीभ मुँह के किसी भी भाग, जैसे- कंठ, तालु, मूर्धा, दांत, या फिर होठ का स्पर्श करती हैं, उसे स्पर्श व्यंजन कहते हैं| यह व्यंजन उच्चारण स्थान की अलग अलग एकता लिए हुए वर्गो में बाटे गए हैं|

ये कुल 25 व्यंजन होते हैं-

  • क वर्ग – यह वर्ग कंठ का स्पर्श करता हैं|
  • च वर्ग – यह वर्ग तालु को स्पर्श करता हैं|
  • ट वर्ग – यह वर्ग मूर्धा का स्पर्श करता हैं|
  • त वर्ग – यह वर्ग दातो को स्पर्श करता हैं|
  • प वर्ग – यह वर्ग होठो का स्पर्श करता हैं|

अन्तस्थ व्यंजन: उच्चारण के समय जो व्यंजन मुख के अंदर ही रहे, उसे अन्तस्थ व्यंजन कहते हैं| इन व्यंजनों का उच्चारण स्वर तथा व्यंजन के मध्य होता हैं| जब भी इनका उच्चारण किया जाता हैं, तब जीभ मुख के किसी भी भाग को स्पर्श नहीं करती| ये व्यंजन चार होते हैं- य , र, ल, व| इनका उच्चारण जीभ, तालु, दांत, और होठ के परस्पर सटने से होता हैं| लेकिन यह पूर्ण रूप से मुख के किसी भी भाग को स्पर्श नहीं करती|

उष्म व्यंजन: जिन वर्णो के उच्चारण के समय हवा मुख के विभ्भिन भागो से टकराय और साँस में गर्मी पैदा कर दे, उन्हें उष्म व्यंजन कहते हैं| इन व्यंजनों का उच्चारण करते समय वायु मुँह से निकलते हुए गर्म हवा निकलती हैं| ये चार व्यंजन होते हैं- श, ष, स, और ह|

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FAQs

हिंदी वर्णमाला में कितने स्वर है?

हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर है|

हिंदी वर्णमाला में कितने व्यंजन होते हैं?

हिंदी वर्णमाला में 39 व्यंजन होते हैं|

हिंदी वर्णमाला में कितने वर्ण होते हैं|

हिंदी वर्णमाला में उच्चारण के आधार पर 52 और लेखन के आधार पर 56 वर्ण होते हैं|

Sangya in hindi- संज्ञा क्या है, परिभाषा एवं भेद उदाहरण सहित: 2024-25

sangya ki paribhasha
संज्ञा की परिभाषा

संज्ञा (Sangya) किसे कहते है और उसके भेद

संज्ञा (Sangya) उस विकारी शब्द कहते हैं, जिसमें किसी विशेष वस्तु, भाव, और जीव के नाम का बोध होता है। दूसरे सब्दो में संज्ञा का शाब्दिक अर्थ नाम होता हैं| किसी व्यक्ति, गुण, प्राणी, जाती, स्थान, क्रिया, भाव, वस्तु आदि के नाम संज्ञा (Sangya) कहलाती हैं| संज्ञा के उदाहरण: मोर, घोड़ा, रेडियो, किताब, भारत, विरता इत्यादि|

संज्ञा के भेद | संज्ञा के प्रकार

इसमें आप यह जानेंगे कि संज्ञा (Sangya) के कितने भेद होते है| संज्ञा पांच प्रकार के होते हैं:

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper noun)
  2. जातिवाचक संज्ञा (Common noun)
  3. भाववाचक संज्ञा (Abstract noun)
  4. समूहवाचक संज्ञा (Collective nouns)
  5. द्रव्यवाचक संज्ञा (Material noun)

व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper noun)

जिस शब्द से किसी विशेष व्यक्ति, जाति, वास्तु तथा स्थान के नाम का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं|
व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण:
व्यक्ति का नाम– रेखा, राम, हरी, भोला, सचिन इत्यादि|
उत्सवों के नाम– होली, ईद, दिपावली, विजय दशमी आदि|
पर्वतो के नाम– हिमालय, विंध्यांचल, कराकोरम आदि|
स्थान के नाम– अयोध्या, जयपुर, कोलकाता, दिल्ली इत्यादि|
नदियों के नाम– गंगा, कृष्ण, कावेरी, नील आदि|

जातिवाचक संज्ञा (Common noun)

जिस शब्द से एक ही जाति के अनेक प्राणिओ तथा वस्तुओ का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं| दूसरे शब्दो में जिस शब्द से किसी जाति या उसकी श्रेणी वर्ग का सम्पूर्ण बोध होता हैं, उस संज्ञा शब्द को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं|
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण:
लड़की से प्रियंका, निशा, सपना, अर्चना, भावना इत्यादि|
वस्तु से पुस्तक, कलम, कुर्सी आदि|
नदी से गंगा, यमुना, भगीरथी इत्यादि|
पंछी से संसार की सभी तरह की पंछीओ की जाति आदि|

भाववाचक संज्ञा (Abstract noun)

वे सभी संज्ञा जिसे न तो देखा जा सकता हो और न ही स्पर्श किया जा सकता हो, जिस संज्ञा को केवल महसूस किया जय उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं| अर्थात जिस संज्ञा सब्द से किसी के गुण, दोष, स्वाभाव, भाव इत्यादि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं| भाववाचक संज्ञा के उदाहरण- बुढ़ापा, गरीबी, हंसी, वीरता, दर्द, भूख, प्यास, प्राण, मोह इत्यादि|

समूहवाचक संज्ञा (Collective nouns)

वे संज्ञा शब्द जिनसे संगठन का बोध हो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं| अर्थात: जिस संज्ञा शब्द से समूह का बोध हो वह समूहवाचक संज्ञा के अंतर्गत आती हैं| समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण: भीड़, जनता, सभा, मंडल, गुच्छा इत्यादि|

द्रव्यवाचक संज्ञा (Material noun)

वे वस्तुए जिन्हे मापा, तौला जा सकता हैं, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं| अर्थात: जिन संज्ञा शब्द किसी धातु, द्रव्य या पदार्थ का बोध होता हैं, वह द्रव्यवाचक संज्ञा के अंतर्गत आती हैं| द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण: लोहा, घी, तेल, सोना इत्यादि|

संज्ञाओं (Sangya) का प्रयोग

संज्ञाओं (Sangya) के प्रयोग में कभी कभी असमानता भी आ जाती हैं, निचे कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

लिंग के अनुसार

नर जाता हैं| – नारी जाती हैं|
लड़का खाता हैं| – लड़की खाती हैं|
इन वाक्यों में नर और लड़का पुल्लिंग हैं| एवं नारी तथा लड़की स्त्रीलिंग| इस प्रकार लिंग के आधार पर संज्ञाओं का रूपांतरण होता हैं|

वचन के अनुसार

एक लड़की जा रही हैं| – चार लड़किया जा रही हैं|
लड़का जाता हैं|- लड़के जाते हैं|
इन वाक्यों में लड़का तथा लड़की एक के लिए आया हैं| और लड़किया तथा लड़के एक से अधिक के लिए| यहाँ संज्ञा के रूपांतरण का आधार वचन हैं|

कारक चिन्हो के अनुसार

लड़का खाना खाता है- लड़के ने खाना खाया|
लड़की खाना खाती है- लड़कियों ने खाना खाया|
इन वाक्यों में ‘लड़का खाता है’, में ‘लड़का’ पुल्लिंग एक वचन है और ‘लड़के ने खाना खाया’ में भी ‘लड़के’ पुल्लिंग एकवचन है, पर दोनों के रूप में भेद है| इस रूपांतरण का कारण कर्ता कारक का चिन्ह ‘ने’ है, जिससे एकवचन होते हुए भी ‘लड़के’ रूप हो गया है|

पूछे जाने वाले प्रश्न

संज्ञा की परिभाषा उदाहरण सहित दीजिये|

किसी व्यक्ति, प्राणी, जाती, स्थान, क्रिया, भाव, आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं| जैसे: शेर, बिल्ली, भारत इत्यादि|

संज्ञा के 10 उदाहरण क्या क्या हैं|

संज्ञा के 10 उदाहरण हैं- भारत, विरता, कावेरी, किताब, नील, प्रियंका, सभा, मोर, घोड़ा, रेडियो|

संज्ञा शब्द का क्या अर्थ हैं|

संज्ञा शब्द का अर्थ हैं- किसी व्यक्ति, जाती, क्रिया, प्राणी, स्थान अदि का नाम|

जातिवाचक संज्ञा किसे कहते है

जिस शब्द से किसी जाती वर्ग का सम्पूर्ण बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है|

व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते है|

वह शब्द जो किसी विशेष व्यक्ति, जाति, वस्तु या स्थान का बोध कराता है, व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाता है।

व्यक्तिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण दीजिये|

व्यक्तिवाचक संज्ञा के निम्न उदाहरण है –
राम, गंगा, होली, कानपुर, हिमालय, कावेरी, विष्णु, पुस्तक, अयोध्या और विंध्यांचल|

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