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Dhatu in hindi vyakaran- धातु की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण 2024-25

dhatu

धातु क्या है?

जिस मूल रूप से क्रिया को बनाया जाता है, उसे धातु (dhatu) कहते है| यह क्रिया का ही एक रूप होता है| अर्थात जिन मूल अक्षरों से क्रियाएँ बनती है, उन्हें ‘धातु’ कहते है| जैसे- पढ़, जा, लिख इत्यादि| धातु पांच प्रकार के होते है- मूल धातु, यौगिक धातु, नाम धातु, मिश्र धातु और अनुकरणात्मक धातु|

धातु के उदाहरण

इसके कई उदाहरण है_

धातु के भेद

धातु (dhatu) के 5 भेद होते है-

  1. मूल धातु
  2. यौगिक धातु
  3. नाम धातु
  4. मिश्र धातु
  5. अनुकरणात्मक धातु

मूल धातु

मूल धातु स्वतंत्र होती है| यह किसी दूसरे शब्द पर निर्भर नहीं होती| मूल धातु पूर्ण रूप से स्वतंत्र होती है| उदाहरण के लिए- देख, खा, पी इत्यादि|

यौगिक धातु

यौगिक धातु प्रत्यय से जोड़कर बनाया जाता है। उदाहरण के लिए- ‘खाना’ से खिला, ‘पढ़ना’ से पढ़ा इत्यादि| इस प्रकार, धातुएँ अनंत हैं। कुछ एकाक्षरी, दो-अक्षरी, तीन-अक्षरी और चार-अक्षरी वाली धातुएँ होती हैं।

नाम धातु

संज्ञा या विशेषण से बनने वाली धातु को नामधातु कहते हैं। उदाहरण के लिए- हाथ (संज्ञा) – हथियाना, गरम (विशेषण) – गरमाना इत्यादि|

मिश्र धातु

जिन संज्ञा, विशेषण और क्रिया विशेषण शब्दों के बाद ‘करना’ या ‘होना’ जैसे क्रिया पदों के प्रयोग से जो नई क्रिया धातुएँ बनती है, उसे मिश्र धातु कहते है| उदाहरण के लिए-

अनुकरणात्मक धातु

वे धातुएं जो किसी ध्वनि की नकल करके बनाई जाती हैं, उसे अनुकरणात्मक धातु कहते है| उदाहरण के लिए- पटकना, खटकना इत्यादि|

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्रिया का मूल रूप क्या है?

क्रिया का मूल रूप धातु है|

यौगिक धातु की रचना कैसे होती है?

यौगिक धातु की रचना तीन प्रकार से होती है-
1. धातु में प्रत्यय लगाने से अकर्मक से सकर्मक और प्रेरणार्थक धातुएँ बनती है|
2. कई धातुओं को संयुक्त करने से संयुक्त धातु बनती है|
3. संज्ञा या विशेषण से नामधातु बनती है|

धातु कितने प्रकार के होते है?

यह पांच प्रकार के होते है|

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