Karak in hindi- कारक की परिभाषा, भेद, महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी

karak

कारक किसे कहते हैं?

संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्दों से पता चले, उसे कारक (Karak) कहते हैं| जैसे- इसी शहर में पिता ने अपने पुत्र का विवाह किया था| इस वाक्य में ‘शहर में’ ‘पिता ने’, ‘पुत्र का’ ‘विवाह’ ये सब कारक कहलायेंगे|

कारक के 10 उदाहरण

कारक के उदाहरण निचे दिए गए है-

  1. राम ने चित्र बनाया|
  2. राम ने चित्र को सजाया|
  3. राम ने कूची स चित्र मे रंग भरा|
  4. राम ने प्रदर्शनी के लिए चित्र बनाया|
  5. राम घर से चित्र प्रदर्शनी के लिए ले गया|
  6. राम के चित्र की सबने प्रशंसा की|
  7. प्रदर्शनी में राम द्वारा बनाया गया चित्र सबसे सुन्दर था|
  8. निर्णायकों ने कहा, राम! तुम्हारी चित्रकला धन्य है!
  9. राम ने खाना खाया|
  10. मै पुस्तक को पढ़ रहा था|

ऊपर के वाक्यों में ने, को, से, के लिए, के और में आदि शब्द उन शब्दों के साथ संबंध दिखाते है, जिनके साथ ये आए हैं| इनका काम वाक्य के अन्य शब्दों के साथ संबंध दिखाना होता हैं| अतः ये सब विभक्तियाँ हैं|

कारक के कितने भेद हैं?

कारक के आठ भेद हैं-

  1. कर्ता कारक
  2. कर्म कारक
  3. करण कारक
  4. सम्प्रदान कारक
  5. अपादान कारक
  6. सम्बन्ध कारक
  7. अधिकरण कारक
  8. सम्बोधन कारक

विभक्तियाँ

सभी कारको की स्पष्टता के लिए संज्ञा या सर्वनाम के आगे जो प्रत्यय लगाए जाते है, उन्हें विभक्तियाँ या परसर्ग कहते हैं| विभक्ति से बने शब्द रूप को पद कहते हैं| शब्द बिना पद बने वाक्य में नहीं चल सकते हैं| कारक के विभक्ति चिन्ह की जानकारी निचे दी गई है|

कारक के विभक्ति चिन्ह

कारको की पहचान के लिए निम्न कारक चिन्ह है-

कारकलक्षणचिन्हकारक के चिन्ह या विभक्तियाँ
कर्ताजो काम करेंनेप्रथमा
कर्मजिस पर क्रिया का फल पड़ेकोद्रितीया
करणकाम करने का साधनसे, के द्वारातृतीया
सम्प्रदानजिसके लिए क्रिया की जाएको, के लिएचतुर्थी
अपादानजिससे कोई वस्तु अलग होसे (अलग के अर्थ में)पंचमी
सम्बन्धजो एक शब्द का दूसरे से सम्बन्ध जोड़ेका, की, के, रा, री, रेषष्ठी
अधिकरणजो क्रिया का आधार होमें, परसप्तमी
सम्बोधनजिससे किसी को पुकारा जाये|हे! हो! अरे!सम्बोधन
कारक के विभक्ति चिन्ह

कारक के भेद उदाहरण सहित

कारक (Karak) आठ प्रकार के होते है- कर्ता कारक, कर्म कारक, करण कारक, सम्प्रदान कारक, अपादान कारक, सम्बन्ध कारक, अधिकरण कारक और सम्बोधन कारक|

कर्ता कारक

कर्ता का अर्थ है- करनेवाला| संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के करने का बोध हो, उसे कर्ता कारक कहते हैं| उदाहरण-

  • बालक पढता हैं|
  • बालक ने पत्र पढ़ा|
  • लड़कियों ने गीत गाया|

कर्म कारक

जिस वस्तु या व्यक्ति पर क्रिया के व्यापार का प्रभाव पड़े, उसे कर्म कारक कहा जाता है| उदाहरण-

  • कृष्ण ने कंस को मारा|
  • बालक ने पुस्तक पढ़ी|
  • बिल्ली ने चूहे को पकड़ लिया|

करण कारक

संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के साधन का बोध हो, उसे करण कारक कहते हैं| उदाहरण-

  • हम बस द्वारा नैनीताल पहुंचे|
  • श्याम कलम से लिखता है|
  • हम अपने हाथों से जल पिएँगे|

सम्प्रदान कारक

जिस संज्ञा या सर्वनाम के लिए कुछ किया जाए या कुछ दिया जाए , उसे सम्प्रदान कारक कहते हैं| उदाहरण-

  • शालिनी को बर्फी दे दो|
  • अभिजीत के लिए पुस्तक मँगवा दो|
  • मेरे लिए क्या लाओगे|

अपादान कारक

संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से पृथक (अलग) होने का अर्थ प्रकट हो, उसे अपादान कारक कहते हैं| उदाहरण-

  • भावना दौड़ में सबसे आगे निकल गई|
  • तुम भालू से डरते हो|
  • कोलकाता से आसनसोल कितनी दूर हैं?

सम्बन्ध कारक

शब्द के जिस रूप से संज्ञा या सर्वनाम के सम्बन्ध का ज्ञान हो, उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं| उदाहरण-

  • बृज की रानी|
  • चाँदी की थाली|
  • सोने का गहना|

अधिकरण कारक

संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के आधार का बोध हो, उसे अधिकरण कारक कहते हैं| उदाहरण-

  • हम पर कृपा कीजिये|
  • पेड़ पर बन्दर बैठा हैं|
  • तालाब में कमल खिले हैं|

सम्बोधन कारक

संज्ञा के जिस रूप से किसी को सम्बोधित किया जाये या पुकारा जाय, उसे सम्बोधन कारक कहते हैं| उदाहरण-

  • हे नारायण!
  • अरे निकिता!
  • अजी महाशय!

महत्वपूर्ण अंतर

निचे कर्म और सम्प्रदान कारक में अंतर तथा करण और अपादान कारक में अंतर दिए गए है-

कर्म और सम्प्रदान कारक में अंतर

इन दोनों कारक में विभक्ति का प्रयोग होता हैं| कर्म कारक में क्रिया के व्यापार का फल कर्म पर पड़ता है और सम्प्रदान कारक में देने के भाव में या उपकार के भाव में को का प्रयोग होता हैं|

करण और अपादान कारक में अंतर

करण और अपादान दोनों ही कारको में से चिन्ह का प्रयोग होता हैं| परन्तु अर्थ के आधार पर दोनों में अंतर होता हैं| करण कारक में जहाँ पर से का प्रयोग साधन के लिए होता हैं| वही पर अपादान कारक में से चिन्ह का प्रयोग अलग होने के लिए किया जाता हैं|

परीक्षा में अधिकतर पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

निम्नलिखित वाक्यों में से कारक चिन्हो को पृथक करें तथा कारक का नाम भी लिखे-

मै किसी का नाम नहीं जनता|

मै- कर्ता कारक
किसी का- सम्बन्ध कारक

वह स्पष्ट नहीं देख पाता|

वह- कर्ता कारक

परमेश्वर का यह नियम हैं|

परमेश्वर का- सम्बन्ध कारक

मुझे भोजन में कुछ स्वाद न मिला|

भोजन में- अधिकरण कारक

पर इज्जत तो नसीब की बात हैं|

पर- अधिकरण कारक
नसीब की- सम्बन्ध कारक

इनके घर से कई तार आ चुके थे|

घर से- अपादान कारक

तुमने बहुत अच्छा किया|

तुमने- कर्ता कारक

उसके घुटने पाजामे से बाहर को निकल रहे थे|

पाजामे से- अपादान कारक
बाहर को- सम्प्रदान कारक

मैंने आकर तुम लोगों को देख लिया|

मैंने- कर्ता कारक
लोगों को- कर्म कारक

बच्चे गली में गुल्ली-डण्डा खेलने लगे|

बच्चे- कर्ता कारक
गली में- अधिकरण कारक

उसने कुएँ के फर्श पर थूक दिया|

उसने- कर्ता कारक
कुएँ के- सम्बन्ध कारक
फर्श पर- अधिकरण कारक

लेकिन देह में रक्त ही नहीं था|

देह में- अधिकरण कारक

जरा इत्मीनान से काम लो|

इत्मीनान- करण कारक

मैंने शून्य की ओर देखना शुरू किया|

मैंने- कर्ता कारक
शून्य की- सम्बन्ध कारक

वह अपने पक्ष की कमजोरी समझता था|

पक्ष की- सम्बन्ध कारक

वह छड़ी के सहारे उठ खड़ा हुआ|

वह- कर्ता कारक
छड़ी के- सम्प्रदान कारक

वह अबोध हैं|

वह- कर्ता कारक

यहाँ से उसका जवाब भी इन्कारी ही गया|

यहाँ से- अपादान कारक

दुख और सुख तो मन के विकल्प हैं|

मन के- सम्बन्ध कारक

मलबे में अब मिट्टी ही मिट्टी थी|

मलबे में- अधिकरण कारक

कारक mcq questions

निचे दिए गए बहु विकल्पीय प्रश्नो के उत्तर दे-

कालिदास ने ऐसा ही कहा था|

कर्ता कारक
कर्म कारक
करण कारक
सम्प्रदान कारक
उत्तर- कर्ता कारक

वह त्यागी है|

अपादान कारक
सम्बन्ध कारक
कर्ता कारक
सम्बोधन कारक
उत्तर- कर्ता कारक

इस शहर में उन्हें सब जानते हैं|

करण कारक
सम्प्रदान कारक
अधिकरण कारक
सम्बोधन कारक
उत्तर- अधिकरण कारक

बड़े-बड़े शब्दों को जाने दीजिये|

अधिकरण कारक
कर्म कारक
करण कारक
सम्प्रदान कारक
उत्तर- सम्प्रदान कारक

साहब की उम्र कोई ग्यारह साल की थी|

अपादान कारक
सम्बन्ध कारक
अधिकरण कारक
सम्बोधन कारक
उत्तर- सम्बन्ध कारक

इसमें दुसरो का कुछ दोष नहीं हैं|

अधिकरण कारक
कर्म कारक
करण कारक
सम्प्रदान कारक
उत्तर- कर्म कारक

वह आपे से बाहर हो जाता|

सम्बन्ध कारक
अधिकरण कारक
अपादान कारक
सम्बोधन कारक
उत्तर- अपादान कारक

क्या कसूर किया था बेचारे ने?

सम्बन्ध कारक
अधिकरण कारक
कर्ता कारक
कर्म कारक
उत्तर- कर्ता कारक

अरे, यह तो कुटज हैं|

करण कारक
सम्प्रदान कारक
अधिकरण कारक
सम्बोधन कारक
उत्तर- सम्बोधन कारक

आजकल लाहौर का क्या हाल हैं?

सम्बन्ध कारक
अधिकरण कारक
अपादान कारक
सम्बोधन कारक
उत्तर- सम्बन्ध कारक

हमने भी किराया दिया हैं|

सम्बन्ध कारक
अधिकरण कारक
कर्ता कारक
कर्म कारक
उत्तर- कर्ता कारक

लैम्प मेज पर रखा हुआ था|

करण कारक
सम्प्रदान कारक
अधिकरण कारक
सम्बोधन कारक
उत्तर- अधिकरण कारक

इतने में दस बज गए|

अधिकरण कारक
कर्म कारक
करण कारक
सम्प्रदान कारक
उत्तर- अधिकरण कारक

अर्थात जो कुट से पैदा हुआ हैं|

अधिकरण कारक
कर्म कारक
करण कारक
सम्प्रदान कारक
उत्तर- करण कारक

परमार्थ तो दूर की बात हैं|

अधिकरण कारक
सम्बन्ध कारक
अपादान कारक
सम्बोधन कारक
उत्तर- सम्बन्ध कारक

पूछे जाने वाले प्रश्न

कर्त्ता कारक किसे कहते हैं?

वाक्य में जो शब्द काम करने वाले के अर्थ में आता है, उसे कर्ता कारक कहते हैं|

करण कारक के पांच उदाहरण दीजिये?

करण कारक के पांच उदाहरण निम्न है-
सुनील पुस्तक से कहानी पढता हैं|
शिवा कलम से लिखता हैं|
बच्चे गेंद से खेल रहे है|
बच्चा बोतल से दूध पीता हैं|
राम ने रावण को बाण से मारा|

कारक कितने प्रकार के होते है?

कारक आठ प्रकार के होते है- कर्ता कारक, कर्म कारक, करण कारक, सम्प्रदान कारक, अपादान कारक, सम्बन्ध कारक, अधिकरण कारक और सम्बोधन कारक|

यह भी जाने

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ पुस्तकें

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