Lipi in hindi- लिपि क्या है?लिपि के उदाहरण एवं इतिहास सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी 2024-25

Lipi
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लिपि (Lipi) किसे कहते हैं?

लिपि शब्द का अर्थ ‘लीपना‘ या ‘पोतना‘ होता है| अतः विचारो का लिखना ही लिपि कहा जाता है| दूसरे शब्दों में- भाषा की मौखिक ध्वनिओ को लिखित रूप में अभिव्यक्त करने के लिए निश्चित किये गए चिन्हो या वर्णो की व्यवस्था को लिपि (lipi) कहते है|
हिंदी और संस्कृत भाषा की लिपि देवनागरी है| अंग्रेजी भाषा की लिपि रोमन, पंजाबी भाषा की लिपि गुरुमुखी और उर्दू भाषा की फ़ारसी है|

लिपि के उदाहरण

निचे भाषा एवं उसकी लिपियों के कुछ उदाहरण दिए जा रहे है-

लिपिभाषाउदाहरण
देवनागरीहिंदीरौशनी घर जा रही है|
देवनागरीसंस्कृतरोश्नी गृहं गच्छति।
देवनागरीमराठीरोशनी घरी जात आहे.
देवनागरीनेपालीरोशनी घर जान्छिन्।
रोमनअंग्रेजीRoshni is going home.
रोमनफ्रेंचRoshni rentre chez lui.
रोमनजर्मनRoshni geht nach Hause.
रोमनस्पेनिशRoshni se va a casa.
रोमनइटेलियनRoshni sta andando a casa.
रोमनपोलिशRoshni wraca do domu.
रोमनमिजोRoshni chu a haw dawn ta.
गुरुमुखीपंजाबीਰੋਸ਼ਨੀ ਘਰ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ।
फ़ारसीउर्दूروشنی گھر جا رہی ہے۔
रुसीरुसीРошни собирается домой.
रुसीबुल्गेरियनРошни се прибира вкъщи.
रुसीरोमानियनRoshni se duce acasă.
उड़ियाउड़ियाରୋଶନି ଘରକୁ ଯାଉଛନ୍ତି।
बँगलाबँगलाরোশনি বাড়ি যাচ্ছে।
लिपि के उदाहरण

लिपि का इतिहास

भाषा के माध्यम से मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर और पढ़कर अपने भावों और विचारों का आदान-प्रदान करता है। और लिपि (lipi) का अर्थ है, उच्चारित ध्वनियों को लिखित रूप में व्यक्त करने के लिए निर्धारित चिह्नों या अक्षरों की प्रणाली।

सभ्यता के विकास के साथ-साथ अपने विचारों और भावनाओं को स्थायित्व प्रदान करने तथा दूर-दूर रहने वाले लोगों से संदेश और समाचारों का आदान-प्रदान करने के लिए भाषा को लिखित रूप देने की आवश्यकता महसूस की गई। परिणामस्वरूप लिपि (lipi) का आविष्कार हुआ। हिंदी और संस्कृत भाषा की लिपि ‘देवनागरी‘ है।

भाषा एवं लिपिया

विश्व की कुछ भाषाओं के नाम और उनकी लिपियाँ नीचे दी गई हैं-

भाषालिपियाँ
हिंदी, संस्कृत, मराठी, नेपाली, बोडो देवनागरी
अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश, इटेलियन, पोलिश, मिजोरोमन
पंजाबीगुरुमुखी
उर्दू, अरबी, फ़ारसीफ़ारसी
रुसी, बुल्गेरियन, चेक, रोमानियनरुसी
असमियाअसमिया
उड़ियाउड़िया
बँगलाबँगला
भाषा और लिपि

लिपि का विकास

मौखिक भाषा को स्थायित्व प्रदान करने के लिए भाषा का लिखित रूप में विकास हुआ| लिपि उच्चरित ध्वनिओं को लिखकर व्यक्त करने का एक ढंग है| सभ्यता के विकास के साथ साथ अपने भावो और विचारो को स्थायित्व प्रदान करने के लिए, दूर स्थित लोगो से संपर्क बनाये रखने के लिए तथा संदेशो और समाचारो के आदान- प्रदान के लिए लिपि का विकास हुआ|

अनेक लिपिया

किसी भी भाषा को एक से अधिक लिपियों में लिखा जा सकता है, तो दूसरी ओर कई भाषाओ की एक ही लिपि (lipi) हो सकती है, अर्थात एक से अधिक भाषाओ को किसी एक लिपि में लिखा जा सकता है| उदहारण के लिए हिंदी भाषा को हम देवनागरी तथा रोमन दोनों लिपियों में इस प्रकार लिख सकते है-

  • देवनागरी लिपि – किट्टू स्कूल गया है|
  • रोमन लिपि – Kittu school gaya hai.

इसके विपरीत हिंदी, मराठी, नेपाली, बोडो तथा संस्कृत सभी भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती है| हिंदी जिस भाषा में लिखी जाती है, उसका नाम ‘देवनागरी लिपि’ है| देवनागरी लिपि का विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ है| ब्राह्मी बहुत ही प्राचीन लिपि है, जिससे हिंदी की देवनागरी सहित गुजराती, असमिया, बँगला इत्यादि भाषाओ की लिपियों का भी विकास हुआ है|

देवनागरी लिपि बायीं से दायी ओर लिखा जाता है| यह एक मात्र ऐसी लिपि है, जिसमे स्वर तथा व्यंजन ध्वनिओ को मिलाकर लिखे जाने की व्यवस्था है| यही कारण है, कि देवनागरी लिपि अन्य लिपियों की तुलना में अधिक वैज्ञानिक लिपि है| अधिकांश भारतीय भाषाओ की लिपियाँ बायीं से दायी ओर लिखी जाती है, लेकिन केवल उर्दू जो फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है| यह दायी से बायीं ओर लिखा जाता है|

देवनागरी लिपि की विशेषताए

देवनागरी लिपि की तीन विशेषताएं निम्न है-

  • इसे दायी से बायीं ओर लिखा जाता है|
  • इसमें हर वर्ण का आकार समान होता है|
  • ये उच्चारण के अनुरूप लिखी जाती है|

wikipedia के अनुसार

लिपि एवं भाषा में अंतर

भाषा एवं लिपि (lipi) में कई अंतर पाए जाते है-

लिपिभाषा
भाषा के चिन्हो द्वारा प्रकट करने के माध्यम को लिपि कहते हैं|भाषा वह माध्यम है जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर और पढ़कर अपनी भावनाओं और विचारों का आदान-प्रदान करता है।
लिपि हमारे भावो को लिखने का साधन है|भाषा बोलकर या लिखकर अपने भावो को प्रकट करने का साधन है|
यह स्थूल होता है|भाषा सूक्ष्म होता है|
यह स्थाई होता है|यह अस्थाई होता है|
लिपि तुरंत प्रभावकारी नहीं होता है|यह तुरंत प्रभावकारी होता है|
लिपि का सम्बन्ध सभयता से है|भाषा का सम्बन्ध जीवन से है|
लिपि एवं भाषा में अंतर

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | FAQs

गुरुमुखी लिपि किसने शुरू की थी?

द्वितीय गुरु अंगद देव जी ने गुरुमुखी लिपि शुरू की थी|

ब्रेल लिपि क्या है?

ब्रेल लिपि को स्पर्श करके पढ़ा जाता है, जो व्यक्ति देखने में सक्षम नहीं होते वे ब्रेल लिपि का सहारा लेते है|

यह भी जाने

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