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तत्पुरुष समास किसे कहते हैं?
जिस समास में बाद का अथवा उत्तरपद प्रधान होता हैं और दोनों पदों के बिच का कारक चिन्ह लुप्त हो जाता हैं, उसे तत्पुरुष समास (Tatpurush samas) कहते हैं| तत्पुरुष समास में अंतिम पद प्रधान होता हैं| उदाहरण-
- शरणागत = शरण में आगत
- सिकंदराबाद = सिकंदर द्वारा आबाद
- मदमत्त = माध से मत्त
- रोगमुक्त = रोग से मुक्त
तत्पुरुष समास के भेद उदाहरण सहित
तत्पुरुष समास छः प्रकार के होते हैं| यह हैं- कर्म तत्पुरुष समास, करण तत्पुरुष समास, सम्प्रदान तत्पुरुष समास, अपादान तत्पुरुष समास, सम्बन्ध तत्पुरुष समास और अधिकरण तत्पुरुष समास| इनके उदाहरण सहित जानकारी निचे दी गई हैं|
तत्पुरुष समास के भेद
तत्पुरुष समास (Tatpurush samas) के 6 भेद होते हैं-
कर्म तत्पुरुष समास
इसमें सामासिक शब्द में कर्म कारक की विभक्ति का लोप होता हैं| कर्म तत्पुरुष समास के उदाहरण-
- ग्रामगत = ग्राम को गया हुआ
- जेबकतरा = जेब को कतरने वाला
- कष्टभोगी = कष्ट को भोगनेवाला
करण तत्पुरुष समास
इसमें सामासिक शब्द के कारण कारक की विभक्ति का लोप होता हैं| करण तत्पुरुष समास के उदाहरण-
- तुलसीकृत = तुलसी द्वारा कृत
- रसभरा = रस से भरा
- सूररचित = सूर द्वारा रचित
सम्प्रदान तत्पुरुष समास
इसमें सामासिक शब्द में सम्प्रदान कारक की विभक्ति का लोप होता हैं| संप्रदान तत्पुरुष समास के उदाहरण-
- स्नानघर = स्नान के लिए घर
- गौशाला = गौ के लिए शाला
- सत्याग्रह = सत्य के लिए आग्रह
अपादान तत्पुरुष समास
इसमें सामासिक शब्द में अपादान कारक की विभक्ति का लोप होता हैं| अपादान तत्पुरुष समास के उदाहरण-
- दूरागत = दूर से आगत
- पापमुक्त = पाप से मुक्त
- जलहीन = जल से हीन
सम्बन्ध तत्पुरुष समास
इसमें सामासिक शब्द में सम्बन्ध कारक की विभक्ति का लोप होता हैं| संबंध तत्पुरुष समास के उदाहरण-
- राजदरबार = राजा का दरबार
- राजकुमारी = राजा की कुमारी
- देशवासी = देश के वासी
अधिकरण तत्पुरुष समास
इसमें सामासिक शब्द में अधिकरण कारक की विभक्ति का लोप होता हैं| उदाहरण-
- दानवीर = दान में वीर
- लोकप्रिय = लोक में प्रिय
- आपबीती = आप पर बीती
समास की परिभाषा एवं समास के भेद उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी 2025-26
तत्पुरुष समास की पहचान कैसे करे?
इस समास की पहचान करना आसान होता है| इसमें जो बाद का पद होता हैं वह प्रधान होता हैं| तथा दोनों पदों के बिच का कारक चिन्ह लुप्त हो जाता हैं| इसे कुछ उदाहरण के माध्यम से जाना जा सकता हैं| तत्पुरुष समास के उदाहरण-
- आत्मपक्ष= आत्मा का पक्ष
- कृष्णार्पण= कृष्ण के लिए अर्पित
- राजगृह= राजा का गृह
- अकालपीड़ित= अकाल से पीड़ित
- पहाड़फोड़= पहाड़ को फोड़नेवाला
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा की आप देख सकते हैं| इसमें जो बाद का पद हैं, वो प्रधान हैं| दोनों पदों के बिच का कारक चिन्ह लुप्त हैं| इसमें ध्यान देने योग्य बात होती हैं, कि इसका अंतिम पद प्रधान होता हैं|
एग्जाम में पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण तत्पुरुष समास के उदाहरण
निचे तत्पुरुष समास के 20 उदाहरण दिए जा रहे हैं, जो ज्यादातर एग्जाम में पूछे जाते हैं|
- रसोईघर = रसोई के लिए घर
- मनचाहा = मन से चाहा
- अकालपीड़ित= अकाल से पीड़ित
- पराधीन = पर के अधीन
- नरोत्तम = नारों में उत्तम
- जेबकतरा = जेब को कतरने वाला
- राहखर्च = राह के लिए खर्च
- धनहीन = धन से हीन
- भवतारक = भव से तारक
- गृह स्वामी = गृह का स्वामी
- स्वार्थ= स्व का अर्थ
- नराधम= नरों में अधम
- शोकाकुल= शोक से आकुल
- शोभा-निकेतन= शोभा का निकेतन
- सिकंदराबाद = सिकंदर द्वारा आबाद
- शराहत= शर से आहत
- लोकप्रेम= लोक का प्रेम
- देवगत = देव को गत
- गगनचुम्बी = गगन को चूमने वाला
- भयाकुल = भय से आकुल
FAQs
यह 6 प्रकार के होते हैं| यह हैं- कर्म तत्पुरुष समास, करण तत्पुरुष समास, सम्प्रदान तत्पुरुष समास, अपादान तत्पुरुष समास, सम्बन्ध तत्पुरुष समास और अधिकरण तत्पुरुष समास|
इसमें सामासिक शब्द में सम्बन्ध कारक की विभक्ति का लोप होता हैं| जैसे- राजकुमारी = राजा की कुमारी
निचे तत्पुरुष समास के उदाहरण दिए गए है-
राजमहल = राजा का महल
माखनचोर = माखन को चुराने वाला
देशभक्ति = देश के लिए भक्ति
भयाकुल = भय से आकुल
स्नानघर = स्नान के लिए घर
दूरागत = दूर से आगत
देवपूजा = देव की पूजा
राहखर्च = राह के लिए खर्च
तुलसीदासकृत = तुलसी द्वारा कृत
देशगत = देश को गया हुआ
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