विराम चिन्ह किसे कहते हैं?
व्यक्तियों द्वारा अपने भावों और विचारों को स्पष्ट करने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग वाक्य के बीच या अंत में किया जाता है, उन्हें विराम चिह्न (Viram chinh) कहते है| दूसरे शब्दों में, लिखित भाषा में इस ठहराव को दिखाने के लिए कुछ विशेष प्रकार के चिह्नों का प्रयोग करते हैं। इन्हें ही विराम-चिह्न कहा जाता है|
Viram chinh का अर्थ
विराम का अर्थ है ‘रुकना’ या ‘ठहरना’| अर्थात अपने भावो को लिखते अथवा बोलते समय बीच में थोड़ा-बहुत रुकना पड़ता है, जिसके कारण भाषा स्पष्ट और अर्थवान बनती है| यदि विराम चिन्ह में थोड़ी बहुत गलती हो जाती हैं, तो अर्थ भी बदल जाता हैं| विराम चिन्ह के उदाहरण-
- रोको मत जाने दो उसे|
- रोको, मत जाने दो उसे|
- रोको मत, जाने दो उसे|
विराम चिन्ह न सिर्फ ठहराव को ही सूचित करते हैं, बल्कि किसी वाक्य के पदों, वाक्यांशों तथा खंड वाक्यों के बीच प्रयुक्त होकर विभिन्न भावो को भी सम्प्रेषित करते हैं| ऊपर जो उदाहरण दिया गया हैं, उसमे मात्र एक , लगाने से अर्थ बदल जाता हैं|
जिसमे पहले और तीसरे वाक्य का अर्थ हैं, कि उसे जाने दो रोको मत| जबकि बीच वाले वाक्य का अर्थ हैं, उसे कही मत जाने दो रोक लो उसे| इस तरह विराम चिन्ह काम करता हैं| विराम चिन्ह व्यक्ति के भावो को अर्थ के अनुसार सही ढंग से दर्शाने का कार्य करता हैं|
विराम चिन्ह के प्रकार
इसके कई प्रकार होते हैं-
- अल्प विराम (Comma)(,)
- अर्द्ध विराम (Semi colon) (;)
- पूर्ण विराम (Full-Stop) (1)
- उप विराम (Colon) [:]
- विस्मयादिबोधक चिह्न (Sign of Interjection)(!)
- प्रश्नवाचक चिह्न (Question mark) (?)
- कोष्ठक (Bracket) (())
- योजक चिह्न (Hyphen) (-)
- अवतरण चिह्न या उद्धरणचिह्न (Inverted Comma) (“…”)
- लाघव चिह्न (Abbreviation sign) (0)
- आदेश चिह्न (Sign of following) (:-)
- रेखांकन चिह्न (Underline) (_)
- लोप चिह्न (Mark of Omission)(…)
- पुनरुक्ति सूचक चिन्ह (Repetition symbol) (,,)
- त्रुटि चिन्ह या हंसपद (Error symbol) (^)
- खष्ठक (Khasthak) ([])
- विभाजक चिह्न (separator sign) (/)
- तुल्यता सूचक चिह्न (equivalence sign) (=)
अल्प विराम
अल्प का अर्थ होता है- थोड़ा| बातचीत करते समय अथवा लिखते समय जब हम बहुत-सी वस्तुओं का वर्णन एक साथ करने लगते हैं, तो उनके बीच में हमलोग अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग करते है| इसे दर्शाने के लिए (,) चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं| इसमें बहुत कम ठहराव होता हैं; जैसे– रमेश के दुकान में बाजरा, मक्का, गेहूँ, चना, दाल इत्यादि वस्तुऐ बेचीं जाती हैं|
अर्द्ध विराम
यदि एक वाक्य या वाक्यांश के साथ दूसरे वाक्य या वाक्यांश का संबंध बताना हो तो वहाँ अर्ध विराम चिन्ह का प्रयोग होता है| इस प्रकार के वाक्यों में वाक्यांश दूसरे से अलग होते हुए भी दोनों का कुछ-न कुछ संबंध रहता है|
यह दो उपवाक्यों को जोड़ता है| इसे दर्शाने के लिए (;) चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं| अर्ध विराम चिन्ह के उदाहरण– सब्जियों में आलू को सर्वश्रेष्ठ सब्ज़ी माना गया है; किन्तु कोलकाता में और ही किस्म के सब्ज़ी विशेष रूप से पैदा होते है।
पूर्ण विराम
जहाँ एक बात या वाक्य पूर्ण रूप से समाप्त हो जाये वहाँ पूर्ण विराम चिन्ह का (।) चिह्न लगाया जाता है| यह चिन्ह एक अभिप्राय की समाप्ति को सूचित करता हैं| अर्थात प्रत्येक वाक्य की समाप्ति पर इस चिन्ह का उपयोग किया जाता हैं| जैसे– भावना पढ़ रही हैं|
उप विराम
जहाँ वाक्य पूरा नहीं होता, बल्कि किसी वस्तु अथवा विषय के बारे में बताया जाता है, वहाँ उप विराम या अपूर्ण विराम चिन्ह का प्रयोग होता है| अर्थात जहाँ एक वाक्य के समाप्त हो जाने पर भी विविक्षित भाव समाप्त नहीं होता: आगे की जिज्ञासा बनी रहती हैं, वहां पूर्ण विराम से कम देर तक ठहरते हुए आगे तब तक बढ़ते जाते हैं, जब तक वक्तव्य पूरा नहीं होता हैं|
उस स्थान पर अपूर्ण विराम का प्रयोग किया जाता हैं| जैसे- जैसे- शिव जी के अनेक नाम है : भीमशंकर, चंद्रमोली, डमरूधारी, रुद्रनाथ आदि।
विस्मयादिबोधक चिह्न
विस्मयादिबोधक चिह्न का प्रयोग हर्ष, विवाद, विस्मय, घृणा, आश्रर्य, करुणा, भय इत्यादि का बोध कराने के लिए किया जाता है| इसे (!) चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता हैं| उदाहरण– शाबाश ! इसी तरह सफल होते रहो|
प्रश्नवाचक चिह्न
लिखने या बातचीत के दौरान जब किसी व्यक्ति से कोई प्रश्न पूछा जाता है, तब वाक्य के अंत में प्रश्नसूचक-चिह्न का प्रयोग किया जाता है| इस चिन्ह का प्रयोग तब किया जाता हैं, जब किसी से कोई प्रश्न पूछा जाता हैं| साधारणतः इसमें कौन, क्या, कब, कहां, क्यों जैसे शब्द आते हैं| इस चिन्ह को (?) द्वारा दिखाया जाता हैं| उदाहरण– किट्टू कहाँ जा रहे हैं?
कोष्ठक
वाक्य के बीच में आए शब्दों अथवा पदों का अर्थ स्पष्ट करने के लिए कोष्ठक का प्रयोग किया जाता है| इसे ( ) चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता हैं| इस चिन्ह का प्रयोग सामान्यतः दो जगहों पर होता हैं:
- किसी पद का अर्थ स्पष्ट करने के लिए: जैसे- बलराम अनवरत (लगातार) काम करता रहा|
- वक्ता के मनोभाव को स्पष्ट करने के लिए: जैसे- लता मंगेशकर भारत की कोकिला (मीठा गाने वाली) हैं|
योजक चिह्न
योजक चिन्ह का प्रयोग शब्दों, वाक्यांशों, या अंशों को जोड़ने के लिए किया जाता है| दो शब्दों में परस्पर संबंध स्पष्ट करने के लिए तथा उन्हें जोड़कर लिखने के लिए योजक-चिह्न का प्रयोग किया जाता है| इसे ‘विभाजक-चिह्न’ भी कहते है| इसे (-) चिन्ह द्वारा दिखाया जाता हैं| जैसे- रात-दिन परिश्रम करने पर ही सफलता मिलती है।
अवतरण चिह्न या उद्धरणचिह्न
किसी भी व्यक्ति की कही हुई बात को उसी तरह से प्रकट करने के लिए अवतरण चिह्न (“…”) का उपयोग किया जाता है| किसी की कही हुई बात को हम अपने अनुसार भी बना सकते हैं| लेकिन इस चिन्ह का उपयोग तब ही किया जाता हैं, जब किसी की सुनी हुई बात को हूबहू किसी तीसरे व्यक्ति को बताया जाए| जैसे– भारतेन्दु ने कहा था- “देश को राष्ट्रीय साहित्य चाहिए।”
लाघव चिह्न
किसी प्रचलित बड़े शब्द के छोटे रूप को दर्शाने के लिए इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं| इसमें शब्द का पहला अक्षर लिखकर उसके आगे शून्य (०) लगा देते हैं। यह शून्य ही लाघव-चिह्न कहलाता है| उदाहरण- पं० नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे|
आदेश चिह्न
किसी विषय को क्रम से लिखना हो तो विषय क्रम व्यक्त करने से पूर्व आदेश चिह्न का प्रयोग किया जाता है| इसे ( 🙂 चिन्ह द्वारा प्रदर्शित किया जाता हैं| जैसे- वचन के दो भेद है :- 1. एकवचन, 2. बहुवचन|
रेखांकन चिह्न
वाक्य में महत्त्वपूर्ण शब्द, पद, वाक्य रेखांकित कर दिया जाता है| जैसे- गोदान उपन्यास, प्रेमचंद द्वारा लिखित सर्वश्रेष्ठ कृति है|
लोप चिह्न
जब वाक्य या अनुच्छेद में कुछ अंश छोड़ कर लिखना हो, तो पदलोप या लोप चिह्न का प्रयोग किया जाता है| इसका उपयोग जिज्ञासा को बढ़ाने या वाक्य के अधूरेपन को दर्शाने के लिए किया जाता है| इसे (…) चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता हैं| उदाहरण- जिसका आदि होता हैं, उसका ………… भी निश्चित हैं|
पुनरुक्ति सूचक चिन्ह
किसी भी शब्द या वाक्य में ऊपर लिखी गई बात को बार-बार एक चिन्ह के माध्यम से निचे लिखना ही पुनरुक्ति सूचक चिन्ह कहलाता हैं| इसे (,,) चिन्ह के माध्यम से दर्शाया जाता हैं| उदाहरण-
डॉक्टर ललित रॉय
,, मेघा बंसल
,, सोना गुप्ता
त्रुटि चिन्ह या हंसपद
वाक्य में किसी पद या वाक्य के छूट जाने पर उस स्थान पर जहां उस शब्द या वाक्य का प्रयोग किया जाना था| वहां इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं| इस चिन्ह को (^) द्वारा दर्शाया जाता हैं| किसी भी वाक्य में कोई शब्द या वाक्य छूट जाने पर उस छूटे हुए अंश को ऊपर लिखकर बाकी के शब्द या वाक्य पुरे किये जाते हैं| जैसे- वह रोज 8 (^) बजे स्कूल जाता हैं|
खष्ठक
खष्ठक ([]): इस चिन्ह का प्रयोग किसी भी वाक्य में दिए गए शब्द या वाक्य में अतिरिक्त जानकारी देने के लिए किया जाता है| इसे ([]) चिन्ह के माध्यम से दर्शाया जाता हैं| उदाहरण: “वह [जो अपने समय के महान गणितज्ञ थे] आज भी याद किये जाते है।”
विभाजक चिह्न
विभाजक चिह्न का प्रयोग दो या दो से अधिक विकल्पों को अलग करने के लिए किया जाता है| इसे (/) चिन्ह के द्वारा दर्शाया जाता हैं| जैसे: “हाँ/नहीं”
तुल्यता सूचक चिह्न
तुल्यता सूचक चिह्न का प्रयोग दो या दो से अधिक शब्दों या अंको के मध्य तुलना करने के लिए किया जाता हैं| इसे (=) चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता हैं| इसका उपयोग गणित में भी होता हैं, जिसमे किसी अंको के बिच समानता या तुल्यता को दिखाया जाता हैं| उदहारण:
शिक्षित = पढ़ा- लिखा
4 + 4 = 8
विराम चिन्ह का प्रयोग क्यों किया जाता हैं?
विराम चिन्ह का प्रयोग व्यक्ति के भावो और विचारो को शुद्ध से प्रकट करने के लिए किया जाता हैं| यदि इसका प्रयोग न किया जाये तो वाक्य का अर्थ ही बदल जाता हैं| यदि इसमें थोड़ी बहुत भी गलती हो जाती हैं, तो अर्थ का अनर्थ हो जाता हैं| उदाहरण-
रोको मत जाने दो उसे|
रोको, मत जाने दो उसे|
रोको मत, जाने दो उसे|
विराम चिन्ह mcq
विराम चिन्ह से सम्बंधित mcq
a. ( )
b. ^
c. /
d. :-
उत्तर– a
a. …
b. ,,
c. :-
d. ०
उत्तर– b
a. अवतरण चिह्न
b. कोष्ठक
c. योजक चिह्न
d. विस्मयादिबोधक चिह्न
उत्तर– d
a. :
b. !
c. ( )
d. ।
उत्तर– a
a. विस्मयादिबोधक चिह्न
b. पूर्ण विराम
c. योजक चिह्न
d. अल्प विराम
उत्तर– d
FAQs
इस चिन्ह की आवश्यकता इसलिए होती हैं, ताकि एक व्यक्ति अपनी भावनाओ और विचारो को पूर्ण एवं शुद्ध रूप से अन्य लोगो के समक्ष रख सके| जिसके कारण दूसरा व्यक्ति आसानी से उसकी बातो को समझ पाए| यह लिखित और मौखिक दोनों रूप में हो सकता हैं|
उद्धरणचिह्न को अवतरण चिह्न के नाम से भी जाना जाता हैं| इसलिए दोनों एक ही हैं|
इस चिन्ह का प्रयोग प्रायः हिंदी में कम किया जाता हैं| इसका ज्यादा उपयोग गणित में किया जाता हैं|
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