कर्मधारय समास किसे कहते हैं?
जिस समास में विशेषण और विशेष्य अथवा उपमान और उपमेय का योग होता हैं, उसे कर्मधारय समास (Karmadharaya samas) कहते हैं| उदाहरण-
- महात्मा = महान हैं जो आत्मा
- देहलता = देह रूपी लता
- नीलगगन = नीला हैं जो गगन
- नवयुवक = नव हैं जो युवक
कर्मधारय समास के भेद
कर्मधारय समास के 4 भेद होते हैं-
- विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास: इसमें पहला पद विशेषण होता हैं| उदाहरण-
- प्रियसखा = प्रिय + सखा
- भलमानस = भल + मानस
- विशेष्यपूर्वपद कर्मधारय समास: इसमें पहला पद विशेष्य होता हैं| उदाहरण-
- कुमारश्रमणा = कुमारी + श्रमणा (सन्यास ग्रहण की हुई)
- विशेषणोभयपद कर्मधारय समास: इसमें दोनों पद विशेषण होते हैं| उदाहरण-
- शीतोष्ण = ठंडा + गरम
- विशेष्योभयपद कर्मधारय समास: इसमें दोनों पद विशेष्य होते हैं| उदाहरण-
- आमगाछ, वायस-दम्पति इत्यादि|
कर्मधारय समास की पहचान कैसे करे?
इस समास में विशेषण और विशेष्य अथवा उपमान और उपमेय का योग होता हैं| इसे कुछ उदाहरणों के माध्यम से समझा जा सकता हैं-
- कमलनील (कमल + नील) = कमल के समान नीला
- जलगंगा (जल + गंगा) = जल से भरी गंगा
- कमलनयन (कमल + नयन) = कमल के समान नयन
जैसा की आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं| वहां विशेषण और विशेष्य अथवा उपमान और उपमेय का योग हैं| इस तरीके से कर्मधारय समास को पहचाना जा सकता हैं|
समास की परिभाषा एवं समास के भेद उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी
कर्मधारय समास के 10 उदाहरण
कर्मधारय समास के उदाहरण-
- नराधम = अधम है जो नर
- चरणारविन्द = चरण रूपी अरविन्द
- नीलगगन = नीला हैं जो गगन
- चन्द्रमुख = चंद्र जैसा मुख
- गंगाजल (गंगा + जल) = गंगा नदी का जल
- अधमरा = आधा है जो मरा
- सिंहनाद (सिंह + नाद) = सिंह के समान नाद
- राजर्षि = जो राजा भी है और ऋषि
- भीनरसिंह = जो नर भी है और सिंह भी
- मुख-चन्द्र = मुख रूपी चन्द्रमा
परीक्षा में पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कर्मधारय समास विग्रह
निचे कर्मधारय समास के 20 से ज्यादा उदाहरण दिए गए हैं, जो अक्सर एग्जाम में पूछे जाते हैं|
सामासिक पद | समास विग्रह |
---|---|
वचनामृत | वचनरूपी अमृत |
भव-सागर | भव रूपी सागर |
रक्ताम्बर | रक्त के रंग का (लाल) जो |
अम्बरकुमति | कुत्सित है जो मति |
कुपुत्र | कुत्सित है जो पुत्र |
नीलोत्पल | नीला है जो उत्पल |
मृग नयन | मृग के समान नयन |
चन्द्र मुख | चन्द्र जैसा मुख |
कमलनील | कमल के समान नीला |
जलगंगा | जल से भरी गंगा |
गर्भरत्न | गर्भ में रखा रत्न |
कमलनील | कमल के समान नीला |
गर्भरत्न | गर्भ में रखा रत्न |
कमलनयन | कमल के समान नयन |
दुष्कर्म | दूषित है जो कर्म |
चरम-सीमा | चरम है जो सीमा |
लाल-मिर्च | लाल है जो मिर्च |
कृष्ण-पक्ष | कृष्ण (काला) है जो पक्ष |
मन्द-बुद्धि | मन्द जो बुद्धि |
शुभागमन | शुभ है जो आगमन |
चरण-कमल | चरण रूपी कमल |
क्रोधाग्नि | क्रोध रूपी अग्नि |
रत्नगर्भ | रत्नों से भरा हुआ |
पुरुषोत्तम | पुरुष जो है उत्तम |
नीलकमल | नीला है जो कमल |
महापुरुष | महान् है जो पुरु |
घन-श्याम | घन जैसा श्याम |
पीताम्बर | पीत है जो अम्बर |
महर्षि | महान् है जो ऋषि |
तत्पुरुष समास की परिभाषा, पहचान, एवं भेद उदाहरण सहित
कुछ महत्वपूर्ण अंतर
निचे कर्मधारय समास से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण अंतर दिए गए हैं, जो की एग्जाम में पूछे जाते हैं|
कर्मधारय समास और बहुब्रीहि समास में अंतर
कर्मधारय समास और बहुब्रीहि समास में अंतर निचे दिए गए हैं-
कर्मधारय समास | बहुब्रीहि समास |
---|---|
जिस समास में विशेषण और विशेष्य अथवा उपमान और उपमेय का योग होता हैं, वह कर्मधारय समास कहलाता हैं| | समास में आये पदों को छोड़कर जब किसी अन्य पदार्थ की प्रधानता होता हैं, वह बहुब्रीहि समास कहलाता हैं| |
इसमें विशेषण और विशेष्य अथवा उपमेय व उपमान का योग होता हैं| | इसमें दोनों पद मिलकर अपने पदों का सामान्य अर्थ न बताकर कोई अन्य अर्थ प्रकट करते हैं| |
द्रिगु समास और कर्मधारय समास में अंतर
द्रिगु समास और कर्मधारय समास में अंतर निचे दिए गए हैं-
द्रिगु समास | कर्मधारय समास |
---|---|
इसमें पहला पद ही विशेषण बन कर प्रयोग में आता हैं | इसमें कोई भी पद दूसरे पद का विशेषण हो सकता हैं| |
इसमें पहला पद हमेशा संख्यावाचक विशेषण होता हैं, जो दूसरे पदों की गिनती बताता हैं| | इसमें एक पद का विशेषण होने पर भी संख्यावाचक कभी नहीं होता हैं| |
FAQs
जिस समास में विशेषण और विशेष्य अथवा उपमान और उपमेय का योग होता हैं, उसे कर्मधारय समास कहते हैं|
इसके 4 भेद होते हैं- विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास, विशेष्यपूर्वपद कर्मधारय समास, विशेषणोभयपद कर्मधारय समास और विशेष्योभयपद कर्मधारय समास|
इस समास में पहला पद विशेष्य होता हैं| जैसे- कुमारश्रमणा = कुमारी + श्रमणा (सन्यास ग्रहण की हुई)
यह भी जाने–
- विराम चिन्ह की परिभाषा, अर्थ, प्रकार, एवं प्रयोग उदाहरण सहित
- मुहावरे किसे कहते हैं, अर्थ, विशेषताएँ, भेद, वाक्य उदाहरण सहित
- A aa e ee | अ आ इ ई इन हिंदी | Hindi Alphabet- Vowel (स्वर)
- वाच्य की परिभाषा, भेद, परिवर्तन एवं उदाहरण
- कारक की परिभाषा, भेद, महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी
- संज्ञा क्या है-परिभाषा एवं भेद उदाहरण सहित: 2024-25
- भाषा की परिभाषा, भेद , अर्थ, प्रकृति एवं लिपि सहित महत्वपूर्ण जानकारी
- मौखिक अभिव्यक्ति परिभाषा, रूप और उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी
- प्रत्यय क्या होता है? इसके प्रकार उदाहरण सहित एवं उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर
- पर्यायवाची शब्द की परिभाषा, अर्थ एवं उदाहरण
- जाने अव्यय का सही मायने में अर्थ, परिभाषा और भेद उदाहरण सहित
- शब्द विचार एवं शब्द की परिभाषा तथा भेद