Swar sandhi ke bhed: स्वर संधि किसे कहते हैं, इसके प्रकार एवं उदाहरण सहित पूर्ण जानकारी

Swar sandhi

स्वर संधि की परिभाषा

दो स्वरों के आपस में मिलने से जो रूप परिवर्तन होता हैं, उसे स्वर संधि (Swar sandhi) कहते हैं| जैसे- भाव + अर्थ = भावार्थ|
ऊपर दिए गए शब्दों में ‘भाव’ शब्द का अंतिम स्वर ‘अ’ एवं ‘अर्थ’ शब्द का पहला स्वर ‘अ’ दोनों शब्दों के मिलने से ‘आ’ स्वर की उत्पत्ति हुई| जिससे “भावार्थ” शब्द का निर्माण हुआ| स्वर संधि के 10 उदाहरण निचे दिए गए हैं-

  1. महा + ईश = महेश
  2. सूर्य + उदय = सूर्योदय
  3. कवि + ईश्वर = कवीश्वर
  4. महान + आशय= महाशय
  5. हिम + आलय= हिमालय
  6. कुट + उल्लास= कुटोल्लास
  7. रक्त + आभ= रक्ताभ
  8. अन + आदि= अनादि
  9. अतिश्य + उक्ति= अतिश्योक्ति
  10. दक्षिण + ईश्वर= दक्षिणेश्वर

स्वर संधि के प्रकार

स्वर संधि पांच प्रकार के होते हैं-

  1. दीर्घ स्वर संधि
  2. गुण स्वर संधि
  3. वृद्धि स्वर संधि
  4. यण स्वर संधि
  5. अयादि स्वर संधि

स्वर संधि के भेद उदाहरण सहित

स्वर संधि के पांच भेद होते हैं, जिसका उदाहरण सहित जानकारी निचे दिया गया हैं-

दीर्घ स्वर संधि

दो सुजातीय स्वर के आस – पास आने से जो स्वर बनता हैं, उसे दीर्घ संधि कहते हैं| इसे हस्व संधि भी कहा जाता हैं| जैसे- अ/आ + अ/आ = आ, इ/ई + इ/ई = ई, उ/ऊ + उ/ऊ = ऊ ऋ + ऋ = ऋ इत्यादि | दीर्घ संधि के उदाहरण-

  • भानु + उदय = भानूदय
  • शिव + आलय = शिवालय
  • कोण + अर्क = कोणार्क
  • गिरि + ईश = गिरीश
  • देव + असूर = देवासूर
  • गिरि + इन्द्र = गिरीन्द्र

गुण स्वर संधि

जब अ, आ के साथ इ, ई हो तो ‘ए’ बनता हैं| जब अ, आ के साथ उ, ऊ हो तो ‘ओ’ बनता हैं| जब आ, आ के साथ ऋ हो तो ‘अर’ बनता हैं, उसे गुण संधि कहते हैं| जैसे- अ + इ = ए, अ + उ = ओ, आ + उ = ओ, अ + ई = ए इत्यादि| गुण स्वर संधि के उदाहरण-

  • भारत + इंदु = भारतेन्दु
  • सर्व + ईक्षण = सर्वेक्षण
  • देव + ऋषि = देवर्षि

वृद्धि स्वर संधि

जब अ, आ के साथ ए, ऐ हो तो, ‘ऐ’ बनता हैं| और जब अ, आ के साथ ओ, औ हो तो ‘औ’ बनता हैं| उसे वृद्धि स्वर संधि कहते हैं| जैसे- अ + ए = ऐ, आ + ए = ऐ, आ + औ = औ, आ + ओ = औ इत्यादि| वृद्धि स्वर संधि के उदाहरण-

  • एक + एक = एकैक
  • मत + एकता = मतैकता
  • सदा + एव = सदैव

यण स्वर संधि

यदि इ, ई, उ, ऊ और ऋ के बाद कोई अलग स्वर आये, तो इ – ई का ‘यू’, उ – ऊ का ‘व्’ और ऋ का ‘र’ बनता हैं| जैसे- इ + अ = य, इ + ऊ = यू , उ + आ = वा, उ + औ = वौ इत्यादि| यण स्वर संधि के उदाहरण-

  • अनु + अय = अन्वय
  • सु + आगत = स्वागत
  • परी + आवरण = पर्यावरण

अयादि स्वर संधि

यदि ए, ऐ, ओ, और औ के बाद कोई भिन्न स्वर आए, तो ए को ‘अय’, ऐ को ‘अय’, ओ को ‘अव’ और औ का ‘आव’ हो जाता हैं| जैसे- ए + अ = अय, ऐ + अ = आयओं इत्यादि| अयादि स्वर संधि के उदाहरण-

  • गै + अक = गायक
  • पौ + अन = पावन
  • शे + अन = शयन
संधि किसे कहते हैं, संधि विच्छेद एवं इसके प्रकार उदाहरण सहित 2024-25

स्वर संधि के 50 उदाहरण

स्वर संधि के 50 उदाहरण (30+20) निचे दिए गए हैं-

स्वर संधि के 30 उदाहरण

  1. यदि + अपि= यद्यपि
  2. अति + अधिक= अत्यधिक
  3. शे + अन = शयन
  4. पौ + अन = पावन
  5. अनु + अय = अन्वय
  6. मत + एकता = मतैकता
  7. एक + एक = एकैक
  8. सदा + एव = सदैव
  9. महा + ओज = महौज
  10. सु + आगत = स्वागत
  11. अभि + आगत = अभ्यागत
  12. शे + अन = शयन
  13. नील + उत्पल= नीलोत्पल
  14. अधिक + अंश= अधिकांश
  15. देश + उद्धार= देशोद्धार
  16. भारत + इंदु = भारतेन्दु
  17. देव + ऋषि = देवर्षि
  18. सर्व + ईक्षण = सर्वेक्षण
  19. विद्या + अर्थी = विद्यार्थी
  20. महा + ईश = महेश
  21. गिरि + इन्द्र = गिरीन्द्र
  22. कोण + अर्क = कोणार्क
  23. देव + असूर = देवासूर
  24. नर + इंद्र = नरेंद्र
  25. गिरि + ईश = गिरीश
  26. भानु + उदय = भानूदय
  27. शिव + आलय = शिवालय
  28. परी + आवरण = पर्यावरण
  29. मुनि + इंद्र = मुनीन्द्र
  30. ने + अन = नयन

स्वर संधि के 20 उदाहरण

  1. गै + अक = गायक
  2. पितृ + ऋण = पितृण
  3. सूर्य + उदय = सूर्योदय
  4. कवि + ईश्वर = कवीश्वर
  5. तिमिर + अंचल= तिमिरांचल
  6. तरंग + आघात= तरंगाघात
  7. अन + आगत= अनागत
  8. महा + उदधि= महोदधि
  9. अनाथ + आलय= अनाथालय
  10. छन्द + आवर्तन= छन्दावर्तन
  11. अन्तः + भूत= अंतर्भूत
  12. संवेदन + आत्मक= संवेदनात्मक
  13. परम + आवश्यक= परमावश्यक
  14. इच्छा + अनुसार= इच्छानुसार
  15. राजा + इन्द्र= राजेन्द्र
  16. विचार + उत्तेजक= विचारोत्तेजक
  17. दिवस + अवसान= दिवसावसान
  18. कुट + उल्लास= कुटोल्लास
  19. रक्त + आभ= रक्ताभ
  20. अन + आदि= अनादि

FAQs

स्वर संधि क्या हैं?

दो स्वरों के आपस में मिलने से जो रूप परिवर्तन होता हैं, उसे स्वर संधि कहते हैं|

स्वर संधि के कितने भेद हैं

स्वर संधि के पांच भेद हैं-
1. दीर्घ स्वर संधि
2. गुण स्वर संधि
3. वृद्धि स्वर संधि
4. यण स्वर संधि
5. अयादि स्वर संधि

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